- सरकारी नौकरी लेने में कायस्थ सबसे आगे
बिहार में सरकारी नौकरी को लेकर युवाओं में कितना क्रेज है ये बात किसी से छिपी नहीं है लेकिन क्या आपको पता है कि जातिगत आधार पर बिहार में सरकारी नौकरी पाने वालों में कौन सी जाति सबसे उपर और कौन सी जाति सबसे नीचे हैं. बिहार सरकार द्वारा कराई गई जातिगत गणना की रिपोर्ट आ गई है, जिसे मंगलवार को ऐसे में सरकार ने ये बताया है कि किस जाति और किस धर्म के लोग सरकारी नौकरी में है
बिहार में अगर सामान्य वर्ग की बात करें तो सामान्य वर्ग के पास 6 लाख 41 हजार 281 लोगों को सरकारी नौकरी है. अब जरा जातिगत देखें तो जातियों में भूमिहार जाति के पास सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी 1 लाख 87 हजार 256 हो जो कि 4.99 फीसदी है. ब्राह्मण जाति के पास सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी 1 लाख 72 हजार 259 है जबकि वो 3.60 फीसदी हैं. राजपूत जाति के पास सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी 1 लाख 71 हजार 933 है जो कि 3.81 फीसदी है. कायस्थ जाति के पास सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी 52 हजार 490 है और उनकी संख्या 6.68 फीसदी है
सामान्य वर्ग में ही शेख जाति के पास सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी 39 हजार 595 (संख्या में) जबकि 0.79 प्रतिशत है. पठान जाति के पास सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी 10 हजार 517 है जो कि 1.07 फीसदी है. सैयद जाति के पास सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी 7 हजार 231 जबक उनका प्रतिशत 2.42 है.
सरकारी नौकरी में शामिल पिछड़ी जातियों की बात करें तो उनका प्रतिशत कुछ यूं है. कुर्मी जाति 3.11 फीसदी, कुशवाहा – 2.04 फीसदी, यादव – 1.55 फीसदी, बनिया – 1.96 फीसदी, दुसाध – 1.44 फीसदी हैं. अनुसूचित जनजाति में सरकारी नौकरी की स्थिति देखी जाए तो संथालों की संख्या 5 हजार 519, (0.96 फीसदी), गोंड : 8 हजार 401, (1.59 फीसदी), उरांव : 2 हजार 120, (1.06 फीसदी), थारू : 3 हजार 128, (1.63 फीसदी) जबकि कुल मिलाकर 30 हजार 164 और (1.37 फीसदी) है.
अनुसूचित जाति में सरकारी नौकरी की स्थिति
दुसाध : 99 हजार 230, 1.44 फीसदी, चमार : 82 हजार 290, 1.20 फीसदी, मुसहर : 10 हजार 615, 0.26 फीसदी, पासी : 25 हजार 754, 2 फीसदी, धोबी : 34 हजार 372, 3.14 फीसदी, डोम : 3 हजार 274, 1.24 फीसदी. मालूम हो कि रिपोर्ट के मुताबिक पिछड़ा वर्ग में 33.16 फीसदी परिवार गरीब, अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 33.58 फीसदी गरीब परिवार, अनुसूचित जाति में 42.93 फीसदी गरीब परिवार, अनुसूचित जनजाति में 42 .70 फीसदी परिवार वहीं अन्य प्रतिवेदित जातियों में 23.72 फीसदी गरीब हैं.