क्या किसी महिला पर रेप का केस दर्ज हो सकता है?
क्या किसी महिला पर रेप के मामले में मुकदमा चलाया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब पुलिस से इसका जवाब मांगा है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट 62 साल की एक महिला की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. जिस पर उसकी बहू ने रेप का केस दर्ज कराया है. 62 साल की महिला याचिकाकर्ता का पक्ष सुप्रीम कोर्ट में वकील ऋषि मल्होत्रा ने जस्टिस हृषिकेश राय और जस्टिस संजय करोल की बेंच के सामने रखा.
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, एडवोकेट ऋषि मल्होत्रा ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले में कह चुका है कि किसी महिला पर गैंगरेप के मामले में मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है. क्योंकि किसी महिला को बलात्कार के मामले में आरोपी नहीं बनाया जा सकता है. आइए अब जानते हैं कि ये पूरा मामला क्या है.
बहू ने सास के खिलाफ क्यों किया केस?
रेप का मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला ने आरोप लगाया था कि उसकी सास का बड़ा बेटा जो अमेरिका में रहता है, फेसबुक के जरिए उससे दोस्ती हुई थी. दोस्ती बढ़ते-बढ़ते शादी तक पहुंच गई. उसने मेरे सामने शादी का प्रपोजल रखा. फिर वह शादी के लिए तैयार हो गई क्योंकि उसने धमकी दी थी कि अगर वह उससे शादी नहीं करेगी तो वह आत्महत्या कर लेगा. इसके बाद शादी सितंबर, 2022 में वीडियो कॉल के जरिए हुई. लड़का भारत आ नहीं पाया था. शादी के बाद वह अपने ससुराल में रहने लगी.
याचिकाकर्ता सास का पक्ष क्या है?
वहीं, याचिकाकर्ता महिला जो सास है, उसका कहना है कि मेरा छोटा बेटा जब पुर्तगाल से लौटा तो वह मेरी बहू यानी अपनी भाभी के साथ कुछ दिन रहा. लेकिन जब वह वापस जाने लगा तो बहू ने उसके साथ पुर्तगाल जाने की जिद की. लेकिन वह इसी साल 31 जनवरी को अकेले चला गया. इसके तुरंत बाद बहू ससुराल छोड़कर मायके चली गई और मेरे ऊपर बड़े बेटे से उसका रिश्ता खत्म करने का दबाव बनाने लगी.
याचिकाकर्ता महिला का आरोप है कि इसी साल 5 फरवरी को मैंने बहू को 11 लाख रुपये दिए तो सेटलमेंट हुआ. लेकिन बाद में वह और पैसों की मांग करने लगी. जब मैंने पैसे नहीं दिए तो उसने 22 फरवरी को मेरे और मेरे छोटे बेटे के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज करा दिया. वहीं, बहू का आरोप है कि देवर ने उसका रेप किया. उसके पास उसकी आपत्तिनजक तस्वीरें हैं. जब उसने इसका विरोध किया तो सास ने उसको चुप करा दिया.
