इलाज के दौरान गई बच्ची की आंखों की रोशनी, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप
कैमूर जिले के सदर अस्पताल भभुआ में डॉक्टर की दवा से बच्चे की आंख रोशनी चली गई. परिजनों ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर की दवा की वजह से बच्चे की आंख फूट गई है. इसको लेकर जब परिजनों ने शिकायत की तो बच्ची को पटना रेफर कर दिया. परिजनों ने भभुआ पहुंचकर जिलाधिकारी से बच्ची का इलाज कराने का गुहार लगाई. जब पीड़ित जिलाधिकारी के निर्देश पर सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे तो उसके साथ सिविल सर्जन द्वारा बदतमीजी कर वहां से भगा दिया गया.
वहीं, सिविल सर्जन ने कहा उसको बनारस बीएचयू में इलाज करने के लिए सरकारी एंबुलेंस उपलब्ध कराई गई थी लेकिन वह इलाज कराने की जगह मेरे कार्यालय में आकर हमसे भी बदतमीजी एवं बहस करने लगी. इसके बाद उसको चैंबर से हटाया गया. बाकी कोई बदतमीजी नहीं की गई है . वह बच्ची को दवा लिखने वाले डॉक्टर ने कहा ने कहा है कि वो गलत दवा नहीं दी गई है.
बच्ची की मां नीरू कुमारी ने जानकारी देते हुए बताया गलत दवा के कारण मेरे बच्ची का आंख फूट गई है. मैं डीएम के यहां गई थी. उनके द्वारा बताया गया बनारस इलाज कराया जाएगा जो भी खर्चा लगेगा सरकारी अस्पताल खर्च वहन करेगा. जब उनकी बात सुनकर सिविल सर्जन के पास आई है. सिविल सर्जन के पास इन सबको लेकर बात की तो वह चेंबर से भागने लगी . मेरी बच्ची गुड़िया कुमारी जो पांच माह की है, उसको सर्दी खांसी का लक्षण था, और निमोनिया बात कह कर एसएनसीयू में एडमिट कर दिया गया. जब आंख में किची आने लगी तो मैंने शिकायत की तो एसएनसीयू के चिकित्सक द्वारा एक दवा लिख दी गई. जिसको डालने के बाद मेरी बच्ची का आंख फूट गई.
बच्ची के पिता विनोद कुमार सिंह ने बताया कि गलत दवा से मेरी बच्ची का आंख फूट गई है. अब हम लोग चाहते हैं कि डॉक्टर और सिविल सर्जन पर कानूनी कार्रवाई की जाए. सिविल सर्जन डॉक्टर मीना कुमारी ने बताया कि इस घटना की जानकारी मुझे मिली थी. सर्दी खांसी का उसको लक्षण था इसके बाद उसको एसएनसीयू में भर्ती कराया गया था. इसी बीच आंख में किची आ रहा था वहां उपस्थित डॉक्टर द्वारा आई ड्रॉप लिखा था, महिला खुद बच्ची की आंख में ड्राप डाली थी. उसके बाद से परेशानी होने लगा. डॉक्टर को दिखाया गया तो उसको पटना रेफर किया गया था. इसके बाद उन्होंने मेरे कार्यालय में आकर काफी बदतमीजी की है. बदतमीजी के कारण कार्यालय से बाहर जाने के लिए कहा गया है और कोई भी बात नहीं हुई है. लोग चाहते हैं की बच्ची का इलाज हो सके.