बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सह राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महंगाई के इस दौर में आम बजट से मध्यमवर्गीय परिवार को राहत की बड़ी उम्मीद थी पर यह बजट आम आदमियों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया। बढ़ती महंगाई को थामने में सरकार की बजट पूरी तरह नाकामयाब रहा। खाने पीने के चीजों पर एक भी दीर्घकालीन नीति नहीं दिखी और न ही लोगों का दर्द देख पाए। यह बजट पूंजीपतियों का बजट के रूप में रहा। इस बजट में बिहार के लिए भी कुछ नहीं है l बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग लम्बे वक्त से हो रही है l उम्मीद थी कि केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस पर कुछ कहेंगी, लेकिन दुर्भाग्य से उन्होंने इसे पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया l उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का ‘किसान विरोधी और गरीब विरोधी’ चेहरा सामने आ गया है। पूर्व मंत्री ने बजट को ‘जुमला’ बताते हुए कहा कि रोजगार के लिए इस बजट में कुछ नहीं है l सरकारी भर्ती के लिए इस बजट में कुछ नहीं है l गरीब के लिए इस बजट में कुछ नहीं है l चुनाव को देखकर यह बजट बनाया गया है l वित्त मंत्री ने भारत के लोगों खासकर गरीबों, कामकाजी तबकों, मजूदरों, किसानों, स्थायी रूप से बंद हुईं औद्योगिक इकाइयों और बेरोजगार हुए लोगों को धोखा दिया है l