सक्षमता परीक्षा में फेल होने पर नहीं जाएगी नौकरी, नियोजित शिक्षकों को शिक्षा मंत्री ने दिया भरोसा
बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने आंदोलनरत नियोजित शिक्षकों को लेकर मंगलवार को कहा कि सक्षमता परीक्षा में फेल होने पर नियोजित शिक्षकों की नौकरी जाने का फैसला सरकार के स्तर पर नहीं हुआ है. पटना में बड़ी संख्या में नियोजित शिक्षक सड़क पर उतरे हैं. इनकी योजना विधानसभा मार्च की है.
वहीं इसी बीच शिक्षा मंत्री चौधरी ने कहा है कि सक्षमता परीक्षा में फेल होने पर भी नियोजित शिक्षकों को सेवा से मुक्त करने पर सरकार का अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है. शिक्षा विभाग की एक कमेटी ने अपनी अनुशंसा इस विषय पर की है, जिस पर अभी तक सरकार ने फैसला नहीं लिया है.
शिक्षा मंत्री ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि शिक्षकों को हड़बड़ाने की जरूरत नहीं है. सरकार ने यह कभी नहीं कहा कि बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा. उन्होंने शिक्षकों से जल्दबाजी नहीं करने की भी बात कही है.
उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग ने सक्षमता परीक्षा पास करने वाले को राज्यकर्मी का दर्जा देने का आदेश निकाला था. कहा गया था कि इसके लिए उन्हें तीन मौके मिलेंगे. अगर तीनों बार फेल हुए तो, शिक्षक सेवा से हटा दिया जाएगा. इस निर्णय का बहिष्कार करते हुए शिक्षक संघ ने आंदोलन शुरू कर दिया.
बता दें कि बिहार में सरकारी स्कूलों के नियोजित शिक्षकों का सक्षमता परीक्षा के विरोध में आज मंगलवार (13 फरवरी) को विधानसभा का घेराव करने की चेतावनी दी हैं. आज हजारों की संख्या में शिक्षक गर्दनीबाग धरनी स्थल पर इकट्ठा हुए हैं. सभी शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा विभाग के उपर मुख्य सचिव केके पाठक से हमको कोई डर नहीं है. हम अपनी मांगो को सरकार से पूरा करा कर रहेंगे.
मिली जानकारी के अनुसार, सरकारी स्कूलों के नियोजित शिक्षक, बिहार शिक्षक एकता मंच के बैनर तले वहीं पर ही धरना प्रदर्शन करेंगे. जिसके बाद विधानसभा मार्च करने की प्लानिंग में है, लेकिन गर्दनीबाग में ही उन्हें पुलिस रोक सकती है. शिक्षा विभाग के फरमान के बावजूद सक्षमता परीक्षा के विरोध में नियोजित शिक्षकों ने राज्य सरकार से आर-पार की लड़ाई के लिए आज प्रदेश भर से हजारों की तादाद में गर्दनीबाग पहुँचे है. आज विधानसभा सत्र के दूसरे दिन विधानसभा का घेराव करेंगे.
