केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पारित तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी गई है. इन कानूनों को 1 जुलाई, 2024 से लागू कर दिया जाएगा. ये तीनों नए आपराधिक कानून भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम की जगह लागू होंगे. इन तीनों कानूनों को पहले ही राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी. तब ये तीनों विधेयक कानून बन गए थे. अब इन्हें लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी गई है. यह समझने की जरूरत है कि नए कानूनों में कितना बदलाव किया गया है और वे कैसे पुराने से अलग होंगे.
असल में भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम जो अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है, उससे अब लोगों को छुटकारा मिलेगा. इस नए कानून में मॉब लिंचिंग, नाबालिग से गैंगरेप जैसी घिनौनी हरकतों के लिए आजीवन कारावास और फांसी तक की सजा का प्रावधान है. हालांकि, ‘हिंट एंड रन’ से जुड़े मामलों से संबंधित प्रावधान तत्काल प्रभावी नहीं होंगे. तीनों कानूनों का उद्देश्य विभिन्न अपराधों को परिभाषित करके उनके लिए सजा तय करके देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलना है.
संबंधित है, अब नए कानून की धारा 354 के अंतर्गत आती है.
– आईपीसी के तहत बलात्कार की सजा से संबंधित धारा 376, अब धारा 63 है. नए कानून के तहत, धारा 64 सजा से संबंधित है, जबकि धारा 70 सामूहिक बलात्कार के अपराध से संबंधित है.
– आईपीसी की धारा 124-ए, जो राजद्रोह से संबंधित है, अब नए कानून के तहत धारा 150 के रूप में जानी जाती है.
IPC:
धाराओं की संख्या 511 से घटकर 356 हो गई है.
175 धाराओं में बदलाव किया गया है.
8 नई धाराएं जोड़ी गई हैं.
22 धाराएं हटा दी गई हैं.
CrPC:
धाराओं की संख्या 533 से घटकर 524 हो गई है.
160 धाराओं में बदलाव किया गया है.
9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं.
9 धाराएं हटा दी गई हैं.
इसके अलावा भी कई ऐसी चर्चित धाराएं थीं जिनको बदल दिया गया है, या फिर उनकी धाराओं का नंबर बदल दिया गया है. अब एक जुलाई से ये प्रचलन में आ जाएंगे. इनका अध्ययन करना सभी के लिए जरूरी भी है.
