*परमपिता शिव परमात्मा का कार्य गुप्त रीति से चल रहा*
विभूतिपुर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के रोसड़ा सेवाकेन्द्र द्वारा 88वां त्रिमूर्ति शिव जयंती महोत्सव सिंघिया घाट शिव मंदिर के सामने स्थित सभागार में उत्साहपूर्वक मनाया गया।
दीप प्रज्ज्वलन द्वारा महोत्सव का उद्घाटन समस्तीपुर से पधारे ओम प्रकाश भाई, रोसड़ा से आई बीके कुंदन बहन ने संयुक्त रूप से किया।
समारोह को संबोधित करते हुए समस्तीपुर से आये ओम प्रकाश भाई ने कहा कि शिवरात्रि परमात्मा शिव के कलियुग अंत की अज्ञानता की अंधियारी रात्रि में दिव्य अवतरण का यादगार पर्व है। जैसे घोर रात्रि के बाद सवेरा होता है। ठीक वैसे ही दुःख, अशान्ति, अज्ञानता की घनघोर रात्रि के बाद ज्ञान सूर्य परमात्मा शिव के ज्ञान प्रकाश से सुख, शान्ति, प्रेम की सतयुगी दुनिया का आना अवश्यंभावी है। उन्होंने कहा कि परमात्मा का यह दिव्य कार्य गुप्त रीति से चल रहा है।
बीके कुंदन बहन ने कहा कि जो आत्माएं स्वयं को परमपिता परमात्मा शिव की संतान समझकर उनसे अपना संबंध जोड़ती हैं- राजयोग की इस विद्या से आत्मा की विकारों रूपी बीमारियां समाप्त होती जाती हैं और उसके श्रेष्ठ दैवी संस्कार जागृत हो जाते हैं। यह दुनिया दैवी राजस्थान और भारत फिर से सोने की चिड़िया बन जाता है। उन्होंने सभी से इस पावन अवसर पर राजयोग की प्राचीनतम महान विद्या को सीखकर अपने जीवन को कलह-क्लेश से मुक्त और खुशी व सद्गुणों से युक्त करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम के अंत में शिव ध्वजारोहण किया गया। सभी से शिव ध्वज के नीचे आत्म-उन्नति के संकल्प करवाए गए और प्रसाद दिया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से दिनेश भाई, कन्हैया भाई, महेश भाई सहित सौ के लगभग लोग उपस्थित थे।
