धमाके के बाद खुद रामेश्वरम कैफे पहुंचे CM सिद्धारमैया
बेंगलुरु के द रामेश्वरम कैफे में हुए बम ब्लास्ट के मामले में पुलिस की 8-9 टीमें अलग-अलग एंगल से मामले की जांच कर रही हैं. इस बीच पुलिस ने IPC की धारा 307, 471 और UAPA की धारा 16, 18 और 38 के तहत FIR दर्ज की है. पुलिस की FIR में विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3 और 4 भी जोड़ी गई हैं. बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट केस की जांच में अब केंद्रीय जांच एजेंसी NIA की टीम भी जुट गई है. बेंगलुरु के कैफे में हुए इस धमाके में करीब 10 लोग घायल हो गए थे.
शनिवार को थोड़ी देर पहले सीएम सिद्धारमैया ने बेंगलुरू में कैफे ब्लास्ट के पीड़ितों से अस्पताल में मुलाकात की. वो घटनास्थल पर भी पहुंचे. उन्होंने अधिकारियों से जांच की प्रगति का जायजा लिया.
पहुंचे. सीएम और डिप्टी सीएम तक मान रहे हैं कि साजिश के तहत धमाका हुआ. सिद्धारमैया ने कहा, ‘एक कम तीव्रता का IED ब्लास्ट था. इस घटना में संदिग्ध शामिल है. डीके शिवकुमार ने कहा- कम तीव्रता का धमाका था, 10 लोग घायल हैं. सब खतरे से बाहर हैं, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी. पूरे बैंगलुरू में कैमरा सिस्टम है. जल्द ही सब साफ हो जाएगा.
कर्नाटक राज्यसभा चुनाव में तीन सीट जीतकर कांग्रेस गदगद थी लेकिन. बेंगलुरू में जो कुछ हुआ उसने सुरक्षा के मुद्दे को लेकर सिद्धारमैया और डीके सरकार को घेरे में खड़ा कर दिया है. दोनों ने जल्द से जल्द सबकुछ साफ होने का दावा किया था. घंटों गुजरने के बावजूद पुलिस के हाथ खाली हैं. रामेश्वर कैफे के धमाके का गुनहगार पुलिस के शिकंजे से दूर है.
धमाके के ठीक पहले रेस्टोरेंट में क्या हुआ?
बताया जा रहा है कि जिस शख्स ने रामेश्वर कैफे में धमाके की घटना को अंजाम दिया वो उसने पहले टोकन लिया और खाना खाया फिर अपना बैग टेबल पर ही छोड़ कर चला गया और फिर कुछ देर बाद वहां जोरदार धमाका हुआ.
मोदी सरकार के दो मंत्री भी अस्पताल पहुंचे
राज्यपाल थावरचंद गहलोत और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी घायलों से मिलने अस्पताल पहुंचे और फिर मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने धमाके के लिए कांग्रेस पर तुष्टिकरण की नीति का आरोप लगाया. प्रह्लाद जोशी ने धमाके हो रहे हैं क्योंकि कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है. आज की घटना भी कांग्रेस के तुष्टिकरण का हिस्सा है. हम इसकी निंदा करते हैं.
लोकसभा चुनाव में बीजेपी बना सकती है मुद्दा
रामेश्वर कैफे में धमाके के बाद से सिद्धरमैया सरकार तुष्टिकरण से लेकर सुरक्षा के मुद्दे पर बीजेपी सरकार के निशाने पर है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी इस मुद्दे को उछाल सकती है. 2019 में कर्नाटक में बीजेपी का प्रदर्शन जोरदार था. लेकिन 2023 विधानसभा में सत्ता वापसी कर कांग्रेस लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन सुधारने की कोशिश में है. लेकिन धमाके के निशान कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं.
