सिंघिया में शिक्षा विभाग के लापरवाही से छोटे छोटे दलित बच्चो को हो रही परेशानी
बिहार के समस्तीपुर जिले के सिंघिया प्रखंड के अंतर्गत नीरपुर भाररिया पंचायत स्थित पतैल ग्राम के दलित बच्चो को पढ़ाई करने में काफी परेशानी हो रही है ये लोग अपने पंचायत से दूर दूसरे पंचायत हरदिया जो इनलोगो के घर से लगभग ढाई से तीन किलो मीटर दूरी पर पढ़ने जाता है ये लोग इतना गरीब है जो की पैर में चप्पल नहीं शरीर पर स्कूल ड्रेस नही और इस कड़ी चिलचिलाती धूप में नंगी पैर पैदल स्कूल जाता है और दोपहर में घर वापस लौटता है जबकि इस गांव में सरकारी जमीन स्कूल बनाने के लिए उपलब्ध है कुछ वर्ष पूर्व इस जगह पर टाटी झोपड़ी बनाकर प्राथमिक विद्यालय पतैल का संचालन भी हुआ था परंतु तत्कालिक शिक्षा विभाग के अधिकारी ने इसे यहां हटाकर हरदिया पंचायत के बहदुरा में टैग कर दिया है जबकि फिलहाल शिक्षा विभाग के आला अधिकारी ने ही एक नियम बना दिया है की किसी भी बच्चे को अपने पंचायत के ही स्कूल में नामांकन करवाना है लेकिन यहां वर्ग 1से 5तक के छात्र को दूसरे पंचायत में पढ़ने के लिए जाना पड़ता है ।यह गांव ऐसा है जहां अभी भी एक भी दलित मैट्रिक पास नही मिलेगा। स्थानीय लोगो ने बताया की चुनाव के समय नेता लोग बड़ी बड़ी बाते बोलकर वादा कर वोट ले लेता है और चुनाव जीतने के बाद कोई देखने तक नही आता विकास का काम कहा से करेगा।इनलोगों का मांग है की इस गांव में ही प्राथमिक विद्यालय के भवन का निर्माण कर बच्चो को पढ़ाई होनी चाहिए