ना चौकी ना चौकीदार, भगवान भरोसे नगर पंचायत का ट्रैफ़िक व्यवस्था।
सिंधिया नगर पंचायत के बाजारों में ट्रैफ़िक समस्या आम बात हो गई है। प्रायः नित्य रोज सड़क जाम एवं दुर्घटना होती रहती है। पी डब्लू डी द्वारा जहां जाम की स्थिति से निपटने के लिए सालेपुर से पेट्रोल पंप तक वाय-पास का निर्माण कर थोड़ा राहत दिया है ।पर सिंधिया-बंगरहट्टा पथ पर वाय पास नहीं बना । फलत: जाम एवं दुर्घटना आम बात हो गई है। स्थानीय पुलिस चौकी के द्वारा चौकीदार की तैनाती भी मुनासिब नहीं समझाता परिणाम स्वरूप दुर्घटना या आपसी मारपीट की स्थिति रोज देखने को मिल जाता है। शिक्षक दिवस के पूर्व संध्या पर शिक्षक की मौत पूरे समाज के लिए अपूरणीय क्षति हैं। लेकिन क्या इस घटना के बाद सिंधिया पुलिस को कर्तव्यबोध होगा? अगर नहीं तो और कितने लाश गिरने के बाद आंखें खुलेंगे। अतिक्रमण भी सड़क को संकीर्ण बना दिया है। लेकिन सिर्फ वाहन चालक या सड़क को दोषी ठहराया जाना उचित नहीं है। पुलिस और कानून व्यवस्था के साथ-साथ हम सब भी कहीं ना कहीं दोषी हैं। जो अतिक्रमण का विरोध करने से परहेज करते हैं। एक प्रख्यात शिक्षक की मौत क्या समाज को जाते जाते जागरुक कर पाएगा? यह यक्ष प्रश्न समाज के सामने छोर गया है।