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मुकुट, माला, चुनरी, तिलक एवं आरती द्वारा उनका श्रृंगार, वंदन एवं पूजन मंजू अग्रवाल, रेणु अग्रवाल एवं मनीषा अग्रवाल ने किया।

मुकुट, माला, चुनरी, तिलक एवं आरती द्वारा उनका श्रृंगार, वंदन एवं पूजन मंजू अग्रवाल, रेणु अग्रवाल एवं मनीषा अग्रवाल ने किया।

 

आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के ताजपुर रोड स्थित स्थानीय सेवाकेंद्र शिव शक्ति भवन में नवरात्रों की भक्तिमय वेला में चैतन्य देवी, बाल ब्रह्मचारिणी, तपस्विनी, वरदानी मूर्त, राजयोगिनी रानी दीदी, संचालिका, बिहार ब्रह्माकुमारीज़ सेंटर्स, मुजफ्फरपुर सहित अन्य बहनों का हार्दिक सम्मान समारोह आयोजित किया गया।

मुकुट, माला, चुनरी, तिलक एवं आरती द्वारा उनका श्रृंगार, वंदन एवं पूजन मंजू अग्रवाल, रेणु अग्रवाल एवं मनीषा अग्रवाल ने किया।

बहनों ने दीदी के सम्मान में डांडिया रास भी प्रस्तुत किया।

अपने संबोधन में रानी दीदी ने पूरे जिले से आए हुए भाई-बहनों को आशीर्वचन देते हुए कहा कि पूरे भारत में मां दुर्गा का अष्ट शक्ति धारिणी स्वरूप में कितना वंदन एवं पूजन हो रहा है। जरुर उन्होंने ऐसा कोई कल्याणकारी कर्तव्य किया था, जिससे संसार का उद्धार हुआ था। मां जगदंबा ने सर्वशक्तिमान परमात्मा शिव से अपने सर्व संबंध जोड़कर उनकी सर्व शक्तियों को अपने में आत्मसात किया और मानव- मन से आसुरी शक्तियों अर्थात नकारात्मक एवं विकारी संकल्पों का नाश किया। तभी तो दुर्गुणों को मिटाने वाली मां दुर्गा को सभी अपनी भावनाएं अर्पित करते हैं।

कृष्ण भाई ने कार्यक्रम का संचालन किया एवं सबका आह्वान किया कि आइए, आज हम संकल्प लें कि नारी अस्मिता की रक्षा कर उनका मान बढ़ाएं। नारी- सम्मान के बिना समाज का कल्याण असंभव है। जैसे महिषासुर ने देवी मां दुर्गा के प्रति अपनी कुत्सित भावना रखी, परिणाम स्वरूप मां ने अपना शक्ति स्वरूप धारण कर उसका वध किया। ऐसे ही वर्तमान समय भारत की हर नारी को मां दुर्गा समान शक्ति स्वरूपा व वंदनीय बनना होगा ताकि कोई भी गलत मनोवृत्ति से उनकी ओर आंख उठाकर न देख सके और उन्हें स्वयं को ऐसा बनाना होगा जो हर कोई उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखे, ठीक वैसे ही जैसे कोई देवी की प्रतिमा को देखा करता है। इसमें कोई हिंसा करने की बात नहीं, वरन् ऐसी आसुरी वृत्ति रखने वालों के असुरत्व का नाश करना होगा। इसके लिए परमात्मा शिव से संबंध जोड़कर हमें मां दुर्गा की अष्ट भुजाओं का प्रतीक अष्ट शक्तियां धारण करनी होगी। यह दृष्टिकोण परिवर्तन बढ़ती हुई सामाजिक बुराई में तेजी से सकारात्मक परिवर्तन लाने का कारक बन सकेगा।

सभी को दीदी ने तिलक लगाकर एवं फल देकर आशीर्वाद प्रदान किया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से राम गोपाल सुरेका, पंकज सिंघी, सतीश चांदना, डॉ पंकज, डॉ दशरथ तिवारी, ओम प्रकाश भाई, तरुण भाई, राजकुमार भाई, निर्दोष भाई, विनय भाई आदि उपस्थित थे।

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Author: pnews

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