IAS विजय किरण आनंद, जिनके कंधों पर है महाकुंभ 2025 की जिम्मेदारी
प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में महाकुंभ 2025 का भव्य आयोजन शुरू हो चुका है. लाखों श्रद्धालु इस विशाल धार्मिक मेले में भाग लेने पहुंच रहे हैं. यह आयोजन 13 जनवरी से शुरू हुआ है और अगले 42 दिनों तक चलेगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस बार महाकुंभ 2025 की पूरी व्यवस्था और मैनेजमेंट किसके जिम्मे है?
दरअसल, इस बार IAS अधिकारी विजय किरण आनंद को इस भव्य आयोजन की जिम्मेदारी दी गई है. उनके नेतृत्व में इस महाकुंभ को एक ऐतिहासिक और भव्य आयोजन के रूप में सफल बनाने की उम्मीद है.
महाकुंभ मेला जिला बनाया गया
कुंभ मेले में आने वाली भीड़ को संभालने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अस्थायी जिला
इस अस्थायी जिले में चार तहसीलों के 67 गांव शामिल हैं. इस जिले के प्रशासन की जिम्मेदारी IAS विजय किरण आनंद को दी गई है, जिन्हें महाकुंभ मेला जिला अधिकारी (DM) बनाया गया है.
कौन हैं IAS विजय किरण आनंद?
विजय किरण आनंद 2009 बैच के IAS अधिकारी हैं और वे उत्तर प्रदेश कैडर के हैं. उनका जन्म बेंगलुरु में हुआ था और वे एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) भी हैं. उन्होंने अपने प्रशासनिक करियर की शुरुआत बागपत जिले में SDM के रूप में की थी. इसके बाद वे बाराबंकी जिले में मुख्य विकास अधिकारी (CDO) के रूप में तैनात हुए.
विजय किरण आनंद ने कई जिलों में जिलाधिकारी (DM) के रूप में सेवाएं दी हैं, जैसे: मैनपुरी, उन्नाव, फिरोजाबाद, वाराणसी, शाहजहांपुर. उन्होंने साल 2020 में प्रधानमंत्री पुरस्कार (Prime Minister Award) भी जीता था. उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिविल सर्विसेज डे पर सम्मान पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया था.
माघ मेला और कुंभ मेला मैनेज करने का अनुभव
विजय किरण आनंद को पहले भी माघ मेला 2017 और अर्ध कुंभ मेला 2019 की जिम्मेदारी दी जा चुकी है. उनके पास पंचायती राज, सिंचाई और बेसिक शिक्षा जैसे विभागों में काम करने का अनुभव है.
इस बार उन्हें महाकुंभ 2025 का सबसे बड़ा दायित्व सौंपा गया है. उनकी अनुभवी नेतृत्व क्षमता के कारण उन्हें मेला अधिकारी (Chief Officer) नियुक्त किया गया है.
विजय किरण आनंद की सबसे बड़ी जिम्मेदारी
इस बार का महाकुंभ उनके अब तक के प्रशासनिक करियर की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है. उनके मैनेजमेंट और एक्सपीरियंस को देखते हुए माना जा रहा है कि यह आयोजन भव्य और ऐतिहासिक रहेगा. उनके नेतृत्व में प्रयागराज का यह आयोजन दुनिया भर में एक मिसाल बनेगा.
