नाव हादसे में बूझ गया दीप
कटिहार में रविवार (19 जनवरी) को हुए दर्दनाक नाव हादसे में कई लोग अभी तक लापता हैं. लापता लोगों की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. जो लोग लापता हैं उनमें झूमा देवी के पति अजय मंडल भी शामिल हैं. झूमा देवी नाव हादसे में बाल-बाल बच गईं, लेकिन उनका संसार उजड़ गया. उसका पति लापता है और बच्चे की इस हादसे में मौत हो चुकी है. झूमा का भाई मनोज भी बाहर आ गया है, लेकिन उसकी बेटी भी लापता है.
अमदाबाद पीएचसी में इलाज करवा रही झूमा देवी बताती है कि वो अपनी मां के अंतिक संस्कार में शामिल होने के लिए झारखंड के सकरी गली बसकोला गांव जा रही थी. नाव पलटने से पहले उसके गोद में दीप था.वो कहां चला गया, पता ही नहीं चला. अस्पताल में महिलाएं ढाढंस बंधा रही थीं कि बच्चा सही सलामत है. झूमा ने बताया कि झारखंड के सकरी गली के बासकोला में मायके है. शनिवार को मा का देहांत हो गया था. वह अपने पति, बच्चे, भाई, भतीजी सहित एक दर्जन से अधिक रिश्तेदारों के साथ वही जा रही थी
उसने बताया कि सकरी गली के लिए जहाज (नाव) पकड़ने शनिवार की शाम 4:30 बजे मनिहारी पहुंची थी. मनिहारी घाट पर जहाज (नाव) नहीं होने के कारण वहां से अमदाबाद थाना क्षेत्र स्थित प्राणपुर गांव अपनी बहन के घर ऑटो से आ गई थी. रात में बहन के ससुर सहित सभी लोगों ने अमदाबाद के गोलाघाट के नाव से सकरी गली जाने का विचार कर लिया. रविवार की सुबह नाविक सहित 18 लोगों के साथ सभी गोलाघाट के लिए निकल गए.
गोलाघाट पहुंचते ही नाविक गंगाधर सिंह ने सभी को रोककर छोटी नाव से सकरीगली पहुंचाने का बात कर लिया. सभी लोग नाव पर सवार होकर सकरी गली के लिए निकल गए. इस दौरान नाव में पानी घुसने लगा और कुछ ही देर में नाव पलट गया. झूमा ने बताया कि नाव पर बेटे को गोद में लेकर बैठी थी. जैसे ही नाव में पानी घुसने लगा. फौरन बेटे को लेकर खड़ी हो गयी. नाव पलटा तो भी वह अपने दीप को पकड़े हुए थी. मगर एक लहर आयी और बेटे का हाथ छूट गया. वह कहां गया पता नहीं. झूमा को यह पता नहीं चला कि वह कैसे बाहर निकली.
