कुंभ में मची भगदड़ में बिहार की गायत्री देवी ने खोया पति
प्रयागराज कुंभ का पवित्र स्नान गायत्री देवी के लिए मौत के साए में बदल गया.बिहार से आई इस महिला ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि पति के साथ गंगा में डुबकी लगाने का सपना, उनकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा सदमा बन जाएगा. रात की भीड़भाड़ में अचानक भगदड़ मची, और पल भर में उनके पति ने उनका साथ छोड़ दिया. बेसहारा गायत्री देवी प्रयागराज की सड़कों पर रोती-बिलखती नजर आईं. न पैसे, न सामान… सब कुछ लुट चुका था. एंबुलेंस वालों ने मुंह मोड़ लिया कहा, ‘बिना पैसे लाश नहीं ले जाएंगे’. गायत्री देवी का सवाल सिसकती आवाज़ में पूछ रहीं ‘क्या अब हम अपना बदन बेचकर पैसे दें?’
यह दृश्य देखकर कोई भी आंसू रोक नहीं पाएगा. गायत्री की तकलीफ सिर्फ एक शव की नहीं, बल्कि उस सिस्टम की क्रूरता की कहानी है, जो गरीबों के दर्द को ‘मामला’ बनाकर दरकिनार कर देता है.
गायत्री ने गुस्से और मायूसी में कहा, ‘क्या अब हम अपना शरीर बेचकर पैसा दें? हमारे साथ यहां कोई नहीं है.’ उन्होंने बताया कि बिहार में उनके परिवार वाले पैसा जुटाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन समय लग सकता है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो ‘सुमित कुमार’ द्वारा रिकॉर्ड किया गया है, जिसमें गायत्री की बेबसी साफ झलक रही है.
यह घटना कुंभ जैसे विशाल आयोजनों में सुरक्षा और प्रशासन की लापरवाही की पोल खोलती है. गायत्री जैसे मामले सवाल खड़ा करते हैं कि आखिर प्रशासन इन हादसों से सबक क्यों नहीं लेता? फिलहाल, लेख लिखे जाने तक स्थानीय प्रशासन द्वारा गायत्री की मदद के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. गायत्री की आपबीती यह भी बताती है कि गरीब तबके के लोगों के साथ ऐसे आयोजनों में कितनी बेरुखी बरती जाती है. उम्मीद है, उन्हें जल्द न्याय मिलेगा और शव को उनके गांव पहुंचाने में मदद मिलेगी.
