उजुआ सिमरटोका पंचायत के मुखिया एवं पंचायत सचिव द्वारा लगभग डेढ़ करोड़ रुपए का गबन मामला तुल पकड़ रहा
बिहार के दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के उजुआ सिमरटोका पंचायत के मुखिया एवं पंचायत सचिव द्वारा लगभग डेढ़ करोड़ रुपए का गबन मामले में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई है। इस वित्तीय अनियमितता में फंसे मुखिया भज्जू महतो उर्फ रमेश महतो अपने ही पुत्र बिपिन कुमार को अपना बेटा मानने से इंकार कर रहे हैं। जबकि कई ऐसे साक्ष्य है जो यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि बिपिन कुमार भज्जू महतो का पुत्र है। मालूम हो की उजुआ सिमरटोका पंचायत के कोदरा निवासी बाल्मीकि यादव ने अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी बिरौल के समक्ष दायर परिवाद में मुखिया भज्जू महतो उनके पुत्र महतो ट्रेडर्स के मालिक बिपिन कुमार तथा पंचायत सचिव पर पंचायत के पंद्रहवीं केन्द्रीय वित्त तथा षष्ठम राज्य वित्त आयोग सहित अन्य योजनाओं में लगभग डेढ़ करोड़ रुपए का वित्तीय अनियमितता करने का आरोप लगाया था। जिसके सुनवाई के बाद मांगी गई जांच प्रतिवेदन में लोक प्राधिकार सह बीडीओ अशोक कुमार जिज्ञासु ने 23.01.2025 को अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के दिए जांच प्रतिवेदन में मुखिया भज्जू महतो द्वारा दिए गए तात्कालीन सरपंच के बनाए गए वंशावली प्रस्तुत किया गया। जिसमें मुखिया श्री महतो के पिता बेचन महतो का चार पुत्र रमेश महतो, भज्जू महतो, अनिरुद्ध महतो तथा बृजमोहन महतो दर्शाया गया है। इस वंशावली में भज्जू महतो को मात्र एक पुत्री शालिनी कुमारी है। तात्कालीन सरपंच द्वारा बनाए गए यह वंशावली 21.04.2020 का है। जबकि पंचायत चुनाव 2021 में मुखिया अपने नाम निर्देशन पत्र के साथ दिए शपथ पत्र में पांच संतान तीन पुत्र और दो पुत्री होने का उल्लेख किया है। इतना ही नहीं श्री महतो के नाम से बने राशनकार्ड संख्या 10130180030016810063 में तीन पुत्र बिपिन कुमार, सुशांत कुमार एवं संतोष कुमार तथा दो पुत्री खुशबू कुमारी और विमान कुमारी कुल पांच संतान का नाम दर्ज है। इस राशनकार्ड से सितंबर 2024 में बिपिन कुमार अपने अंगूठा देकर राशन का उठाव किए हैं। इतने सबूत रहने के बाद भी मुखिया श्री महतो कैसे कह रहे हैं कि बिपिन कुमार मेरा पुत्र नहीं है। उनका यह कहना की बिपिन महतो मेरा पुत्र नहीं है। सरासर झूठ है। दिए गए वंशावली पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा हो रहा है। वंशावली में रमेश महतो और भज्जू महतो दोनों भाई दर्शाया गया है। जबकि रमेश महतो और भज्जू महतो दोनों एक ही व्यक्ति हैं। लेकिन वोटर आईडी कार्ड भज्जू महतो और रमेश महतो के नाम से अलग अलग बना है। भज्जू महतो के नाम से आईडी कार्ड एसजेआई 0992446 तथा रमेश महतो के एसजेआई 0425017 है। दोनों वोटर आईडी कार्ड में फोटो एक ही व्यक्ति का है।इसी तरह इनके पत्नी सीता देवी और जनकमैन देवी के नाम से अलग अलग वोटर आईडी कार्ड बना हुआ है और दोनों में फोटो एक ही महिला का है। लगभग डेढ़ करोड़ रुपए का गबन करने के मामले को रफा-दफा करने में मुखिया श्री महतो तरह तरह के हथकंडे अपना रहे है। वहीं मुखिया के विरोध इस मामले के अपील कर्ता मुखिया के हर हथकंडे का काट रख कर उनके कारगुजारी को उजागर करने में लगे हैं।जबकि शिकायत कर्ता बाल्मीकि यादव ने बताया है कि अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी बिरौल ने मात्र दो से तीन सुनवाई में ही प्रखण्ड पंचायती राज पदाधिकारी के झूठे जांच प्रतिवेदन के आलोक में परिवाद खत्म कर दिया। परिवादी को जांच प्रतिवेदन के विरुद्ध साक्ष्य रखने और अपनी बात कहने का मौका हीं नहीं दिया। प्रखण्ड पंचायती राज पदाधिकारी, तकनीकी सहायक द्वय परशुराम और बशीर ने जांच प्रतिवेदन में मुखिया पुत्र विपिन कुमार के खाता में 15 में वित्त आयोग के मजदूरी का ₹1 भी रूपये नहीं जाने की बातें लिखी है जबकि ऑनलाइन 15 में वित्त आयोग मद से मजदूरी की राशि विभिन्न योजनाओं का 354 275 रुपया विपिन कुमार के खाता में गया है। इस सम्बंध में बीपीआरओ मोहम्मद आबिद अख्तर ने बताया कि उक्त मामले में स्टाफ के द्वारा जाँच कराया गया है ,और जाँच प्रतिवेदन भेज दिया गया है। इधर शिकायत कर्ता का कहना है कि पदाधिकारी सही तरीके से जांच करे जितना साक्ष्य है तो दूध का दूध और पानी का पानी खुलासा हो जयगा और दोषी पर कार्यवाही की जाय ।
