बिहार के एक सीओ को निलंबित कर दिया गया है
राजस्व एवं भूमि सुधार ने दाखिल-खारिज के मामले में अनियमितता के आरोप में अररिया जिले के रानीगंज के सीओ (अंचलाधिकारी) प्रियव्रत कुमार को निलंबित कर दिया है। उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाई भी शुरू हो गई है। विभागीय मंत्री संजय सरावगी के आदेश पर यह कार्रवाई शुरू की गई है।
रानीगंज के सीओ निलंबित
रानीगंज के सीओ पद पर रहते हुए प्रियव्रत कुमार पर पद का दुरूपयोग करने, दाखिल-खारिज की स्वीकृति-अस्वीकृति के बदले में स्वयं एवं अपने परिचित अनुनय कुमार के एसबीआई के बचत खाते में अवैध रूप से पक्ष अथवा विपक्ष से पैसे लेने जैसी शिकायतें मिल रही थीं। इसके बाद उन पर एक्शन लिया गया है।
एक शिकायतकर्ता ने दो लाख पचहत्तर हजार रुपये सीओ एवं दो लाख रुपये अनुनय कुमार के खाते में जमा करने का प्रमाण दिया था।
अररिया के जिलाधिकारी की ओर से गठित जांच समिति के सामने सीओ ने बताया कि यह राशि उन्होंने स्वयं जमा की थी।
हालांकि, सीओ की ओर समर्पित वित्तीय वर्ष 2024-25 की संपत्ति विवरणी में उनके द्वारा कोई ऐसी संपत्ति नहीं घोषित की गई है, जिससे उन्हें नगद राशि की प्राप्ति हो सके।
सीओ के तर्क को अस्वीकार करते हुए समिति ने उनके निलंबन की अनुशंसा की। निलंबन अवधि में प्रियव्रत कुमार पूर्णिया के प्रमंडलीय आयुक्त के कार्यालय में तैनात रहेंगे। विभागीय मंत्री सरावगी ने कहा कि किसी भी अधिकारी के विरूद्ध भ्रष्टाचार के प्रमाणित मामले मिलते हैं तो उनके विरूद्ध तुरंत कठोर कार्रवाई होगी।
दरअसल, प्रदेश में एक के बाद एक लापरवाह और रिश्वत लेने वाले अधिकारियों पर एक्शन लिया जा रहा है। हाल ही में दाखिल-खारिज और जमाबंदी से जुड़े मामले में लापरवाही बरतने वाले तीन सीओ से स्पष्टीकरण मांगा गया, जिसकी जानकारी भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री संजय सरावगी ने दी।
में लापरवाही बरतने वाले बिहटा और संपतचक के अंचल अधिकारी (सीओ) से स्पष्टीकरण मांगा गया। वहीं पुनपुन के सीओ के साथ एडिशनल कलेक्टर को भी पटना मुख्यालय में तलब किया गया। वहीं अब एक बार फिर मंत्री संजय सरावगी के आदेश पर रानीगंज के सीओ को निलंबित किया गया है।
भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री संजय सरावगी लगातार एक्शन में हैं। उन्होंने ये स्पष्ट कर दिया है कि गड़बड़ी करने वाले कोई भी हो, उनके बख्शा नहीं जाएगा। सभी पर सख्त कार्रवाई होगी।
