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400 से ज्यादा युवक-युवतियों को बंधक बनाकर रखे जाने वाले मामले में हर रोज नए खुलासे

400 से ज्यादा युवक-युवतियों को बंधक बनाकर रखे जाने वाले मामले में हर रोज नए खुलासे

बिहार के मोतिहारी इलाके में 400 से ज्यादा युवक-युवतियों को बंधक बनाकर रखे जाने वाले मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. मोतिहारी के एसपी स्वर्ण प्रभात अब इस मामले में की जड़ तक पहुंचने में लगे हुए हैं. वह अब फर्जी कंपनी के मास्टमाइंड एनामुल हक की पूरी कुंडली खंगाल रहे हैं. इसमें नई-नई और चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही हैं. जानकारी के मुताबिक, रक्सौल में फर्जी कम्पनी के नाम पर ठगी का व्यपार करने वाला एनामुल मूल रूप से रामगढ़वा प्रखण्ड के बेला गांव मे वार्ड नं 6 के एक साधारण राजमिस्त्री का बेटा है. गांव में उसका तीन कमरे का छोटा सा पक्का मकान है, जिसमे आज ताला लटका हुआ है. घर का एकलौते चिराग होने के नाते जब घर की माली हालत खराब हुई तो एनामुल हक ने शहर की ओर रुख किया था. इसके बाद से एनामुल कभी-कभार ही गांव आता था.
एनामुल के विषय में स्थानिए लोग बताते हैं कि राजमिस्त्री का बेटा अब काफी पैसा वाला बन गया है. सूत्रों की मानें तो एनामुल ने गेलवे कम्पनी से जुड़ कर नेटवर्किंग कम्पनी में काम करने का तर्जुबा सीखा. यहीं पर उसने लोगों को ठगने की ट्रेंनिग ली थी. कुछ दिनों बाद जब उसने लोगों को ठगने की महारत हासिल कर ली तो चार दोस्तों के साथ मिलकर अपनी खुद की डीवीआर कम्पनी खोल ली. इसके ब्रांच रक्सौल, मोतिहारी, मुजफ़्फ़रपुर, पटना और गोपालगंज सहित अन्य कई शहरों में शुरु किए. साल 2023 में झारखंड की एक महिला ने रक्सौल थाने में उसके खिलाफ यौन शोषण करने का मामला दर्ज कराया था.
महिला का आरोप था कि एनामुल ने उसकी नाबालिग बेटी का यौन शोषण किया है. तब रक्सौल पुलिस के सहयोग से एसएसबी ने डीबीआर कंपनी में बंधक बने दर्जनों युवक-युवतियों को मुक्त करवाया था. उसने नौकरी का लालच देकर बेरोजगार नौजवानों को बंधक बनाकर रखा था. हालांकि, कई सफेदपोश लोगों तक पहुंच होने के कारण पॉस्को एक्ट का मामला भी ठंडे बस्ते में चला गया था. पॉक्सो एक्ट के तहत शिकायत करने वाली झारखंड की बेटी से ज़ी न्यूज़ ने बात की थी. बातचीत के दौरान पीड़िता के अंदर का डर और दहशत साफ झलक रही थी
इसके बाद साल 2024 में यूपी की एक लड़की ने मुजफ्फरपुर में 4 लोगों पर यौन शोषण का केस किया था. उसका आरोप था कि नेटवर्किंग कंपनी में नौकरी देने के नाम पर नाम पर उसका यौन शोषण किया गया. इसके बाद लोगों को ध्यान हटाने के लिए एनामुल ने रक्सौल के कॉलेज रोड में दावा का होलसेल बिजनेस शुरू किया. वहीं जब रक्सौल में पॉस्को एक्ट का मामला ठंडा पड़ गया तो विन-मेकर के नाम से दूसरी कम्पनी खोलकर फिर से बेरजगार युवक-युवतियों को ठगने का काम शुरू कर दिया.
एनामुल को ठग ऑफ कम्पनी चलाने में अप्रत्यक्ष रुप से रक्सौल के कई माननीय और सफेदपोश लोगों का सहयोग मिल रहा था. एनामुल के पास एक हजार से ज्यादा बच्चे की भीड़ थी, जिसे वह कुछ राजनीतिक पार्टियों के कार्यक्रम में भीड़ बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करता था. इसके अलावा वह साल में एक बार बड़ा सम्मान समारोह सह भोज का कार्यक्रम आयोजित करता था. इस कार्यक्रम में वह रक्सौल के कई माननीय नेता, तथाकथित बुद्धजीवी, समाजसेवी, पत्रकार आदि सफेदपोश लोगों को बुलाकर सम्मानित करता था. सफेदपोश लोग भी सोशल मीडिया पर फोटो पोस्ट कर खुद को मल्टीनेशनल कंपनी का महमान बताने का गौरव लेते थे.

अब एनामुल से सब बना रहे हैं दूरी

वहीं जब से एनामुल पर पुलिस का शिकंजा कसा है, तभी से सभी लोग एनामुल से दूरी बनाने में लग गए हैं. अब जिन लोगों की उससे दोस्ती थी, वह अपने सोशल मीडिया अकाउंट से उसके साथ की तस्वीरों को डिलीट करने में लगे हैं. जिन लोगों से उसकी फोन पर बातचीत होती थी, वह उसे ब्लॉक किए हुए हैं. बता दें कि मोतिहारी एसपी ने एनामुल की गिरफ्तारी के लिए इनाम की घोषणा किया है. इसके बाद रक्सौल के माननीय एवं सफेदपोशों में बेचैनी बढ़ गई है.

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Author: pnews

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