*दुनिया के महासागरों में नदियों और झीलों में 2000 ट्रकों के बराबर प्लास्टिक फेंका जाता है : बीके तरुण*
समस्तीपुर। प्रजापिता ईश्वरीय विश्व विद्यालय में विश्व पर्यावरण दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीके तरुण ने इस वर्ष की थीम बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन के बारे में बताते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अनुसार हर दिन दुनिया के महासागरों, नदियों और झीलों में 2000 ट्रकों के बराबर प्लास्टिक फेंका जाता है। इससे हमारा संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र बुरी तरह से प्रभावित होता है। हम खाद्य एवं पेय पदार्थों के साथ-साथ कई बार प्लास्टिक के सूक्ष्म कणों को भी अपने शरीर में प्रवेश करने का अवसर दे देते हैं। हमें अपने वर्तमान एवं भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए सिंगल यूज़ प्लास्टिक को ‘ना’ कहना ही होगा। ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ने इसे पर्यवेक्षक का दर्जा दिया है। साथ ही संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करने वाली अन्य संस्थाओं यूएनएफसीसी, सीबीडी और यूएनसीसीडी ने भी इसे पर्यवेक्षक का दर्जा प्रदान किया है। साथ ही भारत सरकार ने भी संस्थान के सोलर एनर्जी एवं वृक्षारोपण से जुड़े प्रोजेक्ट्स की कई मंचों पर भूरि-भूरि प्रशंसा की है। संस्थान ने सरकार के जल जन अभियान में भी अपनी भूमिका निभाई है।सविता बहन ने मेडिटेशन के द्वारा प्रकृति के पांचों तत्वों को पवित्रता और शांति के प्रकम्पन्न फैलाने की विधि सिखाई एवं अभ्यास कराया। उद्योगपति उमाशंकर गुप्ता एवं प्रमुख व्यवसायी सतीश चांदना ने आज के दिन पौधा रोपण का महत्व बताते हुए सभी को पौधे वितरित किये। कृष्ण भाई ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर सभी से संकल्प कराया गया कि हम आज के दिन एक पौधा लगाकर उसका संवर्धन करेंगे। कृष्ण भाई ने बताया कि पर्यावरण प्रदूषण का मूल कारण मानसिक प्रदूषण है। हमारे मन में जो नकारात्मक अथवा व्यर्थ विचारों की उत्पत्ति होती है, उसका प्रभाव पूरे वायुमंडल पर पड़ता है और प्रकृति तमोप्रधान बन जाती है। आज संसार में जो भी नकारात्मकता और विकारों का प्रभाव है उससे मुक्त होने के लिए राजयोग मेडिटेशन के द्वारा हम मन के विचारों को शुद्ध करके प्रकृति को शुद्ध बना सकते हैं। कार्यक्रम में राकेश माटा, गोपाल कृष्ण दुआ, ओम प्रकाश भाई, राजकुमार भाई, वरुण भाई, राकेश भाई, विजय भाई, उमाशंकर भाई, संजीव भाई आदि उपस्थित थे।
